श्वास-प्रश्वास ही जीव की आयु हैा । श्वा स-प्रश्वास ही जीव की आयु है। जीव कितने काल तक जीवित रहा वह उसकी आयु नहीं है। उसने कितन…
हरिनाम स्मरण की महिमा । ह रिनाम स्मरण ही कीर्तन होता है। सद्‌गुरु द्वारा प्राप्त अन्तर्मुखी उत्तम प्राणकर्म करते रहने से जब जिव्…
हरि नाम का रहस्य: शास्त्रों की नज़र से समझें । ज ल शब्द यदि जल होता तो, जल जल कहने से ही प्यास दूर हो जाती। जब ऐसा नहीं होता तो…
कवीर आखड़िया झाँई परी, पंथ निहारि-निहारि। जिभ्या में छाला परा, राम पुकारि-पुकारि ॥ अ र्थात् बाट जोहते जोहते आँखें धुंधली हो…
महात्मा कबीर के सहज साधन क्या है? कबीर सहज हि धूनि लागि रहे, सेत एहत घट माहि। हृदे हरि हरि होत है,.. मुख की हाजत नाहि…
मानव मात्र का परम कर्तव्य क्या है? सा धक प्राणायाम द्वारा परमगति प्राप्त करते हैं एवं प्राणायाम के सिवा नरक से उद्धार पाने क…
मानव मात्र का परम कर्तव्य क्या है? सा धक प्राणायाम द्वारा परमगति प्राप्त करते हैं एवं प्राणायाम के सिवा नरक से उद्धार पाने क…
शाश्वत होने का अर्थ क्या है? म स्तिष्क के भीतर ब्रह्मरन्ध्र, में चैतन्य का प्रकाश है। इसी प्रकाश से प्राणशक्ति अनुरंजित है, एव…